Home » इन 6 तरह के लोगों को ग्रीन टी से बनाए रखनी चाहिए दूरी

इन 6 तरह के लोगों को ग्रीन टी से बनाए रखनी चाहिए दूरी

by admin477351

Green Tea peene Ke nuksan: आजकल हेल्दी लाइफस्टाइल की बात होती है, तो ग्रीन टी का नाम सबसे पहले लिया जाता है. वज़न कम करने से लेकर डिटॉक्स तक, इसे एक ‘मिरेकल ड्रिंक’ के रूप में प्रमोट किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन टी हर किसी के लिए लाभ वाला नहीं होती? जी हां, स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध यह ड्रिंक कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है. कई बार हम बिना सोचे-समझे केवल ट्रेंड या हेल्थ टिप्स को फॉलो करते हुए ग्रीन टी पीना प्रारम्भ कर देते हैं, लेकिन हमारे शरीर की आवश्यकता और स्थिति को समझे बिना ऐसा करना हानि पहुंचा सकता है. ग्रीन टी में उपस्थित कैफीन, टैनिन्स और कुछ एक्टिव यौगिक (compounds) ऐसे लोगों के लिए दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं जिनकी स्वास्थ्य पहले से संवेदनशील है. तो आइए जानते हैं कि किन 6 तरह के लोगों को ग्रीन टी से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

गर्भावस्था के दौरान स्त्री के शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन होते हैं. इस समय अत्यधिक कैफीन का सेवन भ्रूण के विकास पर असर डाल सकता है. ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कॉफी से कम होती है, लेकिन यह एकदम शून्य नहीं है. इसके अलावा, इसमें उपस्थित टैनिन आयरन के अवशोषण (absorption) को कम कर सकते हैं, जिससे गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है.

2. खाली पेट ग्रीन टी पीने वाले लोग

कई लोग वजन घटाने के चक्कर में सुबह उठते ही खाली पेट ग्रीन टी पी लेते हैं. लेकिन ग्रीन टी में उपस्थित टैनिन्स पेट में एसिड का स्तर बढ़ा सकते हैं, जिससे गैस, एसिडिटी और पेट दर्द की परेशानी हो सकती है. यदि आपका पाचन तंत्र संवेदनशील है, तो खाली पेट ग्रीन टी पीना अल्सर या गैस्ट्रिक ट्रबल का खतरा बढ़ा सकता है. इसे हमेशा हल्के नाश्ते के बाद ही पीना बेहतर है.

3. नींद से जुड़ी समस्याओं वाले लोग

ग्रीन टी में उपस्थित कैफीन नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है. यदि आपको पहले से अनिद्रा (insomnia), नींद टूटने या बेचैनी की परेशानी है, तो ग्रीन टी की अधिक मात्रा से परेशानी और बढ़ सकती है. खासकर शाम या रात में ग्रीन टी पीने से दिमाग अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे नींद आने में परेशानी हो सकती है.

4. एनीमिया के मरीज

ग्रीन टी में उपस्थित टैनिन्स शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर देते हैं. यदि आप पहले से एनीमिया के शिकार हैं, तो ग्रीन टी आपकी हीमोग्लोबिन लेवल को और घटा सकती है. ऐसे लोगों को यदि ग्रीन टी पीनी भी है, तो आयरन युक्त भोजन से कम से कम एक घंटे का गैप जरूर रखना चाहिए.

5. दिल और ब्लड प्रेशर के मरीज

ग्रीन टी का हल्का उत्तेजक (stimulant) असर होता है, जो दिल की धड़कन को तेज कर सकता है और ब्लड प्रेशर पर असर डाल सकता है. यदि आप हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन अनियमित होने या दिल बीमारी के रोगी हैं, तो ग्रीन टी पीने से पहले चिकित्सक से राय लेना महत्वपूर्ण है.

6. कैफीन सेंसिटिव लोग

कुछ लोग कैफीन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं. ऐसे लोगों को थोड़ी सी भी कैफीन लेने पर घबराहट, चक्कर, तेज धड़कन, सिरदर्द या बेचैनी महसूस हो सकती है. ग्रीन टी भले ही कॉफी जितनी कैफीन न देती हो, लेकिन कैफीन-सेंसिटिव लोगों के लिए यह भी कठिनाई का कारण बन सकती है.

You may also like