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सुप्रीम कोर्ट ने 65 लाख वोटर्स को लेकर चुनाव आयोग पर दागे सवाल

by admin477351

Supreme Court on SIR: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से बिहार में मतदाता सूची मसौदा से बाहर किए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं का विवरण मांगा. निर्वाचन आयोग को इसके लिए 9 अगस्त तक का समय दिया गया है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन। कोटिश्वर सिंह की पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से बोला कि वे हटाए गए मतदाताओं का विवरण प्रस्तुत करें और इसकी एक प्रति गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ को दें. यह विवरण पहले ही सियासी दलों के साथ साझा किया जा चुका है.

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का निर्देश देने वाले निर्वाचन आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती देने वाले एनजीओ ने एक नया आवेदन दाखिल कर निर्वाचन आयोग को लगभग 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम प्रकाशित करने का निर्देश देने का निवेदन किया है, जिसमें यह भी उल्लेख हो कि वे (मतदाता) मृत हैं, स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या किसी अन्य कारण से उनके नाम पर विचार नहीं किया गया है.

पीठ ने एनजीओ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण से बोला कि नाम हटाने का कारण बाद में कहा जाएगा क्योंकि अभी यह सिर्फ़ एक मसौदा सूची है. भूषण ने दलील दी कि कुछ सियासी दलों को हटाए गए मतदाताओं की सूची दी गई है, लेकिन उन्होंने यह साफ नहीं किया है कि उक्त मतदाता मर चुका है या पलायन कर गया है.

पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से बोला कि हम प्रभावित होने वाले हर मतदाता से संपर्क करेंगे और जरूरी जानकारी प्राप्त करेंगे. आप (निर्वाचन आयोग) शनिवार तक उत्तर दाखिल करें और भूषण को इसे देखने दें, फिर हम देखेंगे कि क्या खुलासा हुआ है और क्या नहीं.

भूषण ने इल्जाम लगाया कि गणना फॉर्म भरने वाले 75 फीसदी मतदाताओं ने 11 दस्तावेजों की सूची में उल्लिखित कोई भी सहायक डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत नहीं किए हैं और उनके नाम निर्वाचन आयोग के बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की सिफारिश पर शामिल किए गए थे.

पीठ ने बोला कि वह 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई प्रारम्भ कर रही है और एनजीओ उस दिन ये दावे कर सकता है.

निर्वाचन आयोग को कानून के मुताबिक कार्य करने वाला एक कानूनी प्राधिकारी बताते हुए शीर्ष न्यायालय ने 29 जुलाई को बोला था कि यदि बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर में बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं, तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगी.मामले पर अगली सुनवाई 12 और 13 अगस्त को होगी.

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